उत्तर प्रदेश में प्रयोग की जाने वाली सभी भाषा बोलियों को एक मंच पर लाने का प्रयत्न करना व सभा की गतिविधियों के संचालन हेतु दान स्वरूप धन व चल, अचल संपत्ति अर्जित करना। विभिन्न सरकारी साहित्यिक संस्थानों से साहित्यकारों को जोड़ना व उनकी योजनाओं को साहित्यकारों तक पहुंचाने के लिए सेतु का कार्य करना | गणतंत्रदिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष एक झांकी साहित्यकारो को समर्पित कराने का प्रयत्न करना व स्वतंत्रता तथा गणतंत्र दिवस पर कविसम्मेलनों का आयोजन राजभवन सहित प्रत्येक जिले में आयोजित करने हेतु समन्वय का कार्य करना।
साहित्य-संकल्प 2025
उत्तर प्रदेश की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित, “साहित्य-संकल्प 2025”
19 व 20 फ़रवरी 2025
अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान
(निकट रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया), गोमती नगर – लखनऊ

अवधी सभा
बुन्देली सभा
भोजपुरी सभा
उर्दू सभा
ब्रज सभा
अँग्रेजी सभा
ब्रज सभा
अँग्रेजी सभा
उत्तर प्रदेश साहित्य सभा में आपका स्वागत है !
नवोदित साहित्यकारों को प्रोत्साहन
नवोदित और उदीयमान व युवा तथा स्नातक साहित्यकारों को प्रोत्साहन देने के लिए योजनाओं का संचालन।
साहित्यिक आदान प्रदान
प्रदेश के सभी भाषाओं के साहित्यकारों का आपस मे परिचय व मेलजोल बढ़ाना जिससे साहित्यिक आदान प्रदान हो सके।
कार्यशालाओं का आयोजन
पुरानी एवं अनुभवी साहित्यकारों की पीढ़ी से नए साहित्यकारों का साक्षात्कार कराना एवं कार्यशालाओं का आयोजन करना
साहित्यकारों को सहायता
आकस्मिकता या विपत्ति पड़ने पर साहित्यकारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का हर सम्भव प्रयत्न करना।
कार्यकारिणी सदस्य

डॉ विष्णु सक्सेना
अध्यक्ष
बलराम श्रीवास्तव
वरिष्ठ उपाध्यक्ष
अर्जुन सिसोदिया
उपाध्यक्ष
अनिल चौबे
उपाध्यक्ष
मुकुल महान
कोषाध्यक्ष
गिरधर खरे
समन्वयक उ.प्र.
सुमन दुबे
मंत्री /सचिव
डॉ सोनरूपा विशाल
संगठन सचिव
पवन आगरी
सह सचिव
अर्जुन सिंह चांद
प्रचार सचिव
डॉ राजीव राज

गजेंद्र प्रियांशु

शफीकुर्रहमान क़शफी
संरक्षक / उन्नायक

श्री प्रेम बाबू प्रेम
संरक्षकश्री प्रेम बाबू प्रेम
संरक्षक
डॉ. बाल मुकुंद दिवाकर
संरक्षकडॉ. बाल मुकुंद दिवाकर
संरक्षकजिला संयोजक / प्रभारी

श्री धीरज श्रीवास्तव
संयोजकश्री धीरज श्रीवास्तव
संयोजकसामान्य सदस्य्ता- रु200.00 वार्षिक
उत्तर प्रदेश साहित्य सभा
उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के उद्देश्य
प्रदेश के सभी भाषाओं के साहित्यकारों का आपस मे परिचय व मेलजोल बढ़ाना जिससे साहित्यिक आदान प्रदान हो सके।
उत्तर प्रदेश में प्रयोग की जाने वाली सभी भाषा बोलियों को एक मंच पर लाने का प्रयत्न करना व सभा की गतिविधियों के संचालन हेतु दान स्वरूप धन व चल, अचल संपत्ति अर्जित करना।
नवोदित और उदीयमान व युवा तथा स्नातक साहित्यकारों को प्रोत्साहन देने के लिए योजनाओं का संचालन।
शिक्षण संस्थाओं में साहित्यिक गतिविधियां कर विद्यार्थियों में साहित्य के प्रति रुचि जाग्रत करना।
विभिन्न सरकारी साहित्यिक संस्थानों से साहित्यकारों को जोड़ना व उनकी योजनाओं को साहित्यकारों तक पहुंचाने के लिए सेतु का कार्य करना